Saturday 23 February 2013

Tuesday 19 February 2013

thought of the day :-

जरुरत के मुताबिक जिन्दगी जियो ,
ख्वाहिशो के मुताबिक नहीं ।
क्योंकि जरुरत फकीरों की भी पूरी होती है,
और
ख्वाहिशे बादशाह की भी अधूरी रहती है ।

           

शुभ प्रभात दोस्तो.............

चार पंक्ति आपके सम्मान में
*मुक्तक*



आज फिर संघर्ष करने की जरूरत है।
राष्ट्र हित में आज मरने की जरूरत है।।
मुश्किलों से जूझते भारत के जनजन में,
क्रान्ति का पैगाम भरने की जरूरत है।।

        

Monday 18 February 2013

hi friends...
  goood morning